Mundari

मुंदरी उरझी गई राधिका की लट विच…

ढूंढ्त फिरत श्याम अपनी मुन्दरिया,

ललिता ने पाई लई मुंदरी सहेज लई…

श्याम जी को जाय दई हीरे की मुन्दरिया,

बोली इठलाई कछु भेंट तो निकारो श्याम…

तो बोले श्याम चुमी लो मोरी या अंगुरिया,

चुमत हँसत जात ललिता कहत जात….

राम करे खोई जाये तोरी या बाँसुरिया….!!