Rashmirathi
रश्मिरथी से वोपंक्तियां जो इस कठिन समय में हौसला देती हैं… अज्ञातवास हो गया पूर्णअज्ञातवास,पांडव लौटे वन से सहास,पावक में कनक-सदृश तप करवीरत्व लिए कुछ और प्रखरनस-नस में तेज-प्रवाह लिये,कुछ और नया उत्साह लिये । सच है, विपत्ति जब आती है,कायर को ही दहलाती है,शूरमा नहीं विचलित होते,क्षण एक नहीं धीरज खोते,विघ्नों को गले लगाते …